सुस्वादु तालों वाला स्याही वाला अदरक आत्म-आनंद में लिप्त होता है, सार्वजनिक जांच से बेखबर होता है। उसका मांसल रूप परमानंद में छटपटाता है, उसका हाथ उसकी स्पंदित मर्दानगी पर लयबद्ध रूप से काम करने वाला जादू है। यह मर्दाना आत्म-संतुष्टि का एक कच्चा प्रदर्शन है।